ॐ ह्रीं ऎं क्लीं श्री बगलानने मम रिपून नाशय नाशय ममैश्वर्याणि देहि देहि शीघ्रं मनोवान्छितं साधय साधय ह्रीं स्वाहा । अस्तुति करै हाथ दोउ जोरे। पुरवहु मातु मनोरथ मोरे।। सौवर्णासनसंस्थितां त्रिनयनां पीताशुकोल्लासिनीम् । सबसे पहले अपने गुरु , गणेश जी एवं भैरव जी का ध्यान करके माँ बगलामुखी का ध्यान https://kylerjtbde.59bloggers.com/31069103/the-basic-principles-of-baglamukhi